(Maiya Mori Mai Nahi Makhan Khayo)भजन मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो

इस गीत में आप भगवान कृष्ण के बालपन की लीलाओ में से एक जिसमे कान्हा जी माखन चुराकर खाते हुए पकडे जाते है, तो आइये स्मरण करें और आनंद लें इस प्यारे संवाद का माता और कान्हा जी बीच मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो

भजन मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो (Maiya Mori Mai Nahi Makhan Khayo Lyrics)

मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो ।

भोर भयो गैयन के पाछे,
मधुवन मोहिं पठायो ।
चार पहर बंसीबट भटक्यो,
साँझ परे घर आयो ॥

मैं बालक बहिंयन को छोटो,
छींको किहि बिधि पायो ।
ग्वाल बाल सब बैर परे हैं,
बरबस मुख लपटायो ॥

तू जननी मन की अति भोरी,
इनके कहे पतिआयो ।
जिय तेरे कछु भेद उपजि है,
जानि परायो जायो ॥

यह लै अपनी लकुटि कमरिया,
बहुतहिं नाच नचायो ।
सूरदास तब बिहँसि जसोदा,
लै उर कंठ लगायो ॥

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Maiya Mori Mai Nahi Makhan Khayo (मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो – भजन)

Maiya Mori Main Nahin Makhan Khayo ।

Bhor Bhayo Gaiyan Ke Paachhe,
Madhuvan Mohin Pathayo ।
Chaar Pahar Bansibat Bhatkyo,
Saanjh Pare Ghar Aayo ॥

Main Balak Bahinyan Ko Chhoto,
Chhinko Kihi Bidhi Paayo ।
Gwal Baal Sab Bair Pare Hain,
Barbas Mukh Laptayo ॥

Tu Janani Man Ki Ati Bhori,
Inke Kahe Patiayo ।
Jiy Tere Kachhu Bhed Upaji Hai,
Jaani Parayo Jaayo ॥

Yah Lai Apni Lakuti Kamriya,
Bahutahin Naach Nachayo ।
Surdas Tab Bihansi Jasoda,
Lai Ur Kanth Lagayo ॥


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